साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
बीकानेर, राजस्थान
1964
तुम जाओ करनी है ठंडी राख मुझे रखनी है पलकों पर तुम जाओगे नहीं तो लौटोगे कैसे तुम्हें लिखी जाती इबारत पढ़ोगे कैसे ज़रा दूर जाओ बाक़ी है आँच अभी
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