साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3564
मेडक, तेलंगाना
1908 - 1969
अभी न रात के गेसू खुले न दिल महका कहो नसीम-ए-सहर से ठहर ठहर के चले मिले तो बिछड़े हुए मय-कदे के दर पे मिले न आज चाँद ही डूबे न आज रात ढले
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