साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
एटा, उत्तर प्रदेश
1964
'अकेलापन' कठोर सज़ा, 'एकांत' एक है बरदान। एक जैसे दिखने वाले, अंतर ज़मीन आसमान। एकल छटपटाहट घबराहट, एकांत लाभ शांति आराम। बाहरी दुनिया दृश्य अकेला, भीतर ह्रदय एकांत आराम। मानव जीवन कुछ और नहीं, यात्रा अकेलापन से एकांत। जीवनपथ की यह डगर अजूबी, राह-राही-मंज़िल एकल एकांत॥
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