अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (कविता)

मानव जीवन में भाषा का है बड़ा ही महत्व,
२१ फ़रवरी को मनाते जिसका हम उत्सव।
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस होता इस रोज़,
ज़िन्दगी में इसके बिना कुछ नही अस्तित्व।।

अनेंक प्रकार की भाषा कई तरह की बोली,
कोस-कोस पर बदलती भाषा और कहानी।
सारे विश्व में अनुमानित यह ६९०० भाषाएँ,
एक दूजे की दास्ताँ एवं समझते है ज़ुबानी।।

जन्म पश्चात बोले बोल मातृभाषा कहलाती,
बढ़ावा मिले बहुभाषिता विविधता संस्कृति।
इस दिवस को मनाने का यह एक है उद्देश्य,
१७ नवम्बर, १९९९ में यूनेस्को दी स्वीकृति।।

विश्व में सबसे ज़्यादा बोली जाती ये भाषाएँ,
अंग्रेजी जैपनीज़ स्पैनिश हिंदी और बांग्ला।
रूषी अरबी पंजाबी एवं भाषा यह पुर्तगाली,
हर भाषा का सम्मान करें बोलें प्यारी बोली।।

दुनिया में पहचान बनाती अपनी यही भाषा,
बोली जाती भारत में लगभग १६५२ भाषा।
२००० से लगातार यह दिवस मनाया जाता,
जीवन में अहम भूमिका यह भाषा निभाता।।


रचनाकार : गणपत लाल उदय
लेखन तिथि : 19 फ़रवरी, 2022
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