साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश
1938 - 2000
पहले एक लकीर बनी फिर रोलर घूमने लगा याददाश्त के ऊपर। यंत्रणा का ऐसा स्वरूप इससे पहले कहाँ था दुनिया में? सभ्यता का यह अभिनव दंड-विधान मुबारिक हुआ हमको अपने आप शरीर के अनुसार सज़ा खोजी हमने अपने लिए। अपने लिए बहुत कुछ खोजा हमने यहाँ तक कि सर्वनाश भी।
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