कितनी स्वादिष्ट है
चावल के साथ खाओ
बासमती हो तो क्या कहना
भर कटोरी
थाली में उड़ेलो
थोड़ा गर्म घी छोड़ो
भुनी हुई प्याज़
लहसन का तड़का
इस दाल-चावल के सामने
क्या है पंचतारा व्यंजन
उँगली चाटो
चाक़ू चम्मच वाले
क्या समझें इसका स्वाद!
मैं गंगा में लहर पर लहर
खाता डूबता
झपक और लोरियाँ
हल्की-हल्की
एक के बाद एक थाप
नींद जैसे
नरम जल
वाह रे भोजन के आनंद
अरहर की दाल
और बासमती
उस पर तैरता थोड़ा-सा घी।