अटल (कविता)

अटल थे तुम, अटल हो तुम,
अटल ही तुम नित रहोगे।
यह सरल, वो राह मुश्किल,
कविता तहत हमसे कहोगे।।

ज़िंदा नहीं जग में भले तुम अब रहे,
ज़िंदाबाद हर दिल में अटल, तुम रहोगे।
ये है अनुचित, ये उचित है,
कविता तहत हमसे कहोगे।।

हर किसी के लिए माना मर चुके,
किन्तु हर कवि-उर अमर नित तुम रहोगे।
सत-असत क्या, विषय क्या, जिसमें लिखें,
कविता तहत हमसे कहोगे।।

अटल विद्वता, लोक प्रियता, संवेदनशीलता,
नेतृत्व क्षमता, पथदर्शिता, अटल।
क्या विकास का सूत्र, क्या है मूल विनास,
कविता तहत हमसे कहोगे।।

हे अटल सत्य! हे अटल कथ्य! हे महाकवि!
मृदुभाषी, निर्णय समर्थ! नेता, प्रणेता, तुमको नमन।
है चिर अटल विश्वास तुमसे, अमन हो नित इस चमन,
कविता तहत हमसे कहोगे।।


लेखन तिथि : 25 दिसम्बर, 2021
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