बड़े कवि से मिलना (कविता)

बड़े कवि से मिलना हुआ
वे सफलता की कई सीढ़ियाँ चढ़ चुके थे
हम साथ-साथ उतरे
औपचारिकतावश उन्होंने मेरा हाल-चाल पूछा
फिर दो क़दम बढ़े
और कहा चलता हूँ

हालाँकि हम कुछ दूर साथ साथ चल सकते थे
हम लोग एक ही ट्रेन के अलग डिब्बों पर सवार हुए
उस दिन ट्रेन एक नहीं दो रास्तों से गुज़री


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