साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3571
कटनी, मध्य प्रदेश
1966
बाहर कदमों की आहट! खुला जंगला भोर हुई! प्रेयस् हुआ हिलोर हुई!! कुत्तों की है गुर्राहट! किरण दरीचे से झाँके! धूप दोपहर को टाँके!! सख़्ती में है नरमाहट!
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