पापा की परियों की बस यही कहानी है,
आँखो मे है सपने और थोड़ा सा पानी है।
जुनून है हौसला है आगे बढ़ने के लिए,
इस लिए सब कुछ पाने की ज़िद ठानी है
हार मानना नही है चन्द मुसीबतों से हमे,
यही मन का इरादा तो जीत की निशानी है।
वाह वाही भले ही ना मिले हमे सफ़र में,
पर हमे मंज़िल की मुबारकबाद पानी है।
हम सब को एक ना एक दिन अपने दम पर,
इस दुनियाँ मे शानदार पहचान बनानी है।
चुनौतियों से कह दिया है हमने अभी अभी,
दूर रहो हमसे अभी हमारे ख़ून मे रवानी है।
बच्चियाँ बोझ नही है क़ायनात मे जनाब,
ये बात कह कर नहीं कर के दिखानी है।
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