बेगाना-वार हम से यगाना बदल गया (ग़ज़ल)

बेगाना-वार हम से यगाना बदल गया
कैसी चली हवा कि ज़माना बदल गया

आँखें भी देखती हैं ज़माने के रंग-ढंग
दिल भी समझ रहा है ज़माना बदल गया

बदला न था ज़माना अगर तुम न बदले थे
जब तुम बदल गए तो ज़माना बदल गया

उन को दिलाईं याद जब अगली इनायतें
वो भी ये कह उठे कि ज़माना बदल गया

बस एक ऐ 'वफ़ा' मिरे मिटने की देर थी
मुझ को मिटा चुका तो ज़माना बदल गया


रचनाकार : मेला राम वफ़ा
  • विषय : -  
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