बूढ़ा (कविता)

घने जंगलों से गुज़रते हुए
बस से
ज़रा-सा सिर निकाल कर
बूढ़े ने देखा
मधुपुर!
और ख़ुश हो गया!

अचानक उसे लगा
वह पहले कभी आया है
मधुपुर!
और उसने पी है
मधुपुर की
अच्छी चाय!

क्या यही है वह मधुपुर!
जहाँ पी होगी उसने
अपने जीवन की
सबसे अच्छी
चाय!

वह सोचने लगा
मुमकिन है
अगले जन्म में
वह पैदा ही हो
मधुपुर में—
जहाँ मिलती हो
इससे भी अच्छी
चाय!


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इसी को कहते हैं प्रेम


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