साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3563
मधुबनी, बिहार
1380 - 1460
चंदा जनि उग आजुक राति। पियाके लिखिअ पठाओब पाति॥ साओन सएँ हम करब पिरीति। जत अभिमत अभिसारक रीति॥ अथरा राहु बुझाएब हँसी। पिबि जनि उगिलह सीतल ससी॥ कोटि रतन जलधर तोहें लेह। आजुक रयनि घन तम कए देह॥ भनइ विद्यापति सुभ अभिसार। भल जन करथि परक उपकार॥
पिछली रचना
साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।
रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें