साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
निवाड़ी, मध्य प्रदेश
1555 - 1617
चरण धरत चिंता करत, नींद न भावत शोर। सुबरण को सोधत फिरत, कवि व्यभिचारी चोर॥
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