कोरोना काल में (कविता)

कोरोना से उपजे संकट से
निपटने के लिए
राजस्व विभाग के अफ़सरों ने
रपट तैयार की :
ज़्यादा अमीर लोगों पर
टैक्स लगाया जाए

सरकार नाराज़ हुई
उसने बयान जारी किया :
'यह अफ़सरों का निजी विचार है'

पूछा :
आप लोगों ने किसके आदेश से
यह सुझाव दिया है?

प्रधान सचिव बोले :
गांधी जी ने कहा था
ऐसा निज़ाम हो
कि आख़िरी आदमी की आँख में
आँसू न रहे

मंत्री ने व्यंग्य किया :
आप भूल गए
कि वे भी सेवा कर रहे हैं
जो राष्ट्रीय गौरव के लिए
अपने को अमीर बना रहे हैं

हमारे नेता जी का विचार है :
अमीरों का बहुत योगदान है
लिहाज़ा आख़िरी आदमी भी
ख़ुशी-ख़ुशी
राष्ट्र के लिए बलिदान करे।


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