साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3563
अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश
1938 - 2000
ज्ञानियों से लगता है डर डर गुणी जनों से लगता है अनुभवी जनों से लगता है डर। ज्ञान, गुण, अनुभव के बिना जिया गया जीवन निरर्थक नहीं है फिर भी। डर का घर कि यह जीवन ज्ञान, गुण, अनुभव के बिना भी सार्थक है। ज्ञानियों से डरने के लिए डरने के लिए गुणी जनों से अनुभवी जनों से डरने के लिए ज्ञान, गुण, अनुभव से हीन जीवन ज़रूरी है।
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