साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
झुन्झुनू, राजस्थान
1948
कोई ऐसा भी होता है दर्द? जिसका कोई चेहरा न हो आँख, नाक, कान, मुख से विहीन! आत्मा के अँधेरों में गहरे उतरता और टपकता साँसों से रिस-रिसकर। दर्द का चेहरा दशानन का तो नहीं। जिसके दशों आनन एक-एक कर तीक्ष्ण वाण से कर दिए गए धड़ से अलग?
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