साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
1926 - 1997
डरने में उतनी यातना नहीं है जितनी वह होने में जिससे सबके सब केवल भय खाते हों।
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