दौड़ते हुए (कविता)

बहुत अच्छा अवसर है हत्यारे के निकट आने का

अगर अब तुमने उसकी प्रशंसा में कुछ कहा
तो उसे उसका बचपन याद आ जाएगा
जब वह नंगधड़ंग पतंग लूटने दौड़ा करता था

कुटिलताओं के साथ-साथ आधुनिक पोशाकें
उसके शरीर पर सज गई हैं
अब वह ख़ून करने पर भागता नहीं है
बल्कि शहर की स्वच्छता के लिए आयोजित
दौड़ में हिस्सा लेता है


रचनाकार : ऋतुराज
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