देश हमारा (गीत)

विश्व बंधुत्व का राग छिड़ेगा,
राष्ट्र प्रगति के सोपान चढ़ेगा।

विश्वविजेता हो देश हमारा,
सुंदर स्वच्छ यह परिवेश सारा।
न मिटा कभी, न यह मिटेगा,
विश्व बंधुत्व का राग छिड़ेगा।
राष्ट्र प्रगति के सोपान चढ़ेगा।।

प्रेम भाव से रहेंगे हिलमिल,
जैसे गगन में तारे झिलमिल।
बुरा वक़्त अब और न रुकेगा,
विश्व बंधुत्व का राग छिड़ेगा।
राष्ट्र प्रगति के सोपान चढ़ेगा।।

संकट के काले मेघ घिरे हैं,
सारे श्रम पर पानी फिरे हैं।
हर मुश्किल का हल मिलेगा,
विश्व बंधुत्व का राग छिड़ेगा।
राष्ट्र प्रगति के सोपान चढ़ेगा।।

माना यह रात बहुत है गहरी,
सूर्य के सामने कब है ठहरी।
उजियारे संग दिन निकलेगा,
विश्व बंधुत्व का राग छिड़ेगा।
राष्ट्र प्रगति के सोपान चढ़ेगा।।


रचनाकार : सीमा 'वर्णिका'
लेखन तिथि : 24 जून, 2021
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