देवी मइया (लोकगीत)

मइया ऊँची है तोहरी अटरिया।
कइसे आवउँ मै तोहरी नगरिया। 2

लहँगा मइ लाई चुनरिया हूँ लाई,
बेलवा चमेलिया की माला बनाई,
मइया ठाढ़ी हूँ तोहरी डगरिया।
कइसे आवउँ मइ तोहरी नगरिया।
मइया ऊँची है... 2

पेड़ा भी लाई पूरी भी लाई,
काजू चिरोंजी की खीर बनाई,
मइया खोलउ रे अपनी किवंड़िया।
कइसे आवउँ मइ तोहरी नगरिया।
मइया ऊँची है... 2

लौंगा इलायची का बीड़ा मइ लाई,
हियरा मा तोहरी सुरतिया समाई,
नयनन की बरसे बदरिया।
कइसे आवउँ मैं तोहरी नगरिया।
मइया ऊँची है... 2


लेखन तिथि : अक्टूबर, 2021
यह पृष्ठ 336 बार देखा गया है
×

अगली रचना

प्रेम के रंग


पिछली रचना

माई के मन्दिरवा भीतर
कुछ संबंधित रचनाएँ


इनकी रचनाएँ पढ़िए

साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।

            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें