साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
बांदा, उत्तर प्रदेश
1911 - 2000
दुख ने मुझको जब-जब तोड़ा, मैंने अपने टूटेपन को कविता की ममता से जोड़ा, जहाँ गिरा मैं, कविताओं ने मुझे उठाया, हम दोनों ने वहाँ प्रात का सूर्य उगाया।
पिछली रचना
साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।
रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें