साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड
1966
वहाँ मैं था मेरे साथ तुम एक बिनवा नदी भी बरसाती सबके सब कितने दूर बिनवा के लिए जैसे एक बरसात से दूसरी।
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