एहसास (कविता)

आज मुझे हुआ एहसास,
मैंने किया नहीं प्रयास।
कल तक मैं था बड़ा महान,
आज बन गया हूँ अंजान।
क़िस्मत ने भी छोड़ा हाथ,
केवल असफलता मेरे साथ।
क्या करूँ, मैं किसे बताऊँ,
कौन समझेगा दिल की बात।
आज मुझे हुआ एहसास,
मैंने किया नहीं प्रयास।


रचनाकार : दीपक झा 'राज'
लेखन तिथि : 19 अप्रैल, 2003
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