साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3571
कटनी, मध्य प्रदेश
1966
बाग में पड़ रहे हैं तितली के पाँव! फूलों में हैं ख़ुशबुएँ आकर बसी! बबूल की है बाग से रस्साकसी!! तैरता है हवा में सपनों का गाँव! बागों में खिंचा है गन्ध का वितान! अलि की गुंजन का है कोई विधान!! महकती है जास्मिन सी गुलों की छाँव!
अगली रचना
पिछली रचना
साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।
रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें