साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3292
पटना, बिहार | 1846 - 1927
हर हाल में आबरू-ए-फ़न लाज़िम है तक़लीद-ए-फ़सीहान-ए-वतन लाज़िम है दरयूज़ा-गरी है ऐब सुन लें अहबाब आप-अपनी ज़बान में सुख़न लाज़िम है
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