साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
सियालकोट, पंजाब
1911 - 1984
हज़ार दर्द शब-ए-आरज़ू की राह में है कोई ठिकाना बताओ कि क़ाफ़िला उतरे क़रीब और भी आओ कि शौक़-ए-दीद मिटे शराब और पिलाओ कि कुछ नशा उतरे
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