हिंदी महज़ भाषा नहीं,
हम सब की पहचान है।
जोड़े रखती मातृभूमि से,
यह भारत की शान है।
हिंदी में है मिठास भरी,
सहज सरल आसान है।
भावनाओं से ओतप्रोत है,
जो ना समझे नादान है।
छोटों को भी जी बोलती,
बड़ों को करती प्रणाम है।
सबको यह महत्व देती,
इसकी बिंदी का भी मान है।
दूसरों से प्रतिद्वंदिता नहीं,
सबका करती सम्मान है।
सब से घुल-मिल कर रहती,
यह गुणों की खान है।
अ से ज्ञ तक के सफ़र में,
बड़ा ही गूढ़ ज्ञान है।
अनपढ़ से ज्ञानी बनाती,
हिंदी सचमुच महान है।
साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।
सहयोग कीजिएरचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें