होने लगी है जिस्म में जुम्बिश तो देखिए (ग़ज़ल)

होने लगी है जिस्म में जुम्बिश तो देखिए,
इस पर कटे परिंदे की कोशिश तो देखिए।

गूँगे निकल पड़े हैं ज़बाँ की तलाश में,
सरकार के ख़िलाफ़ ये साज़िश तो देखिए।

बरसात आ गई तो दरकने लगी ज़मीन,
सूखा मचा रही है ये बारिश तो देखिए।

उन की अपील है कि उन्हें हम मदद करें,
चाक़ू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिए।

जिस ने नज़र उठाई वही शख़्स गुम हुआ,
इस जिस्म के तिलिस्म की बंदिश तो देखिए।


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