विजयी वीर सिपाही 
हम आज़ाद हिंद फ़ौज के 
विद्रोही मल्लाही 
आज़ादी का दुश्मन जो हो 
यूँ ही छोड़ न देंगे 
दम न लेंगे जब तक 
ये बंधन भी तोड़ न लेंगे 
पहन भेड़ की खाल भेड़िए 
कब तक छुपे रहेंगे 
आज़ादी पर मरने वाले 
शीश न और झुकेंगे 

 
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