हम जिएँ न जिएँ दोस्त (कविता)

हम जिएँ न जिएँ दोस्त
तुम जियो एक नौजवान की तरह,
खेत में झूम रहे धान की तरह,
मौत को मार रहे बान की तरह।

हम जिएँ न जिएँ दोस्त
तुम जियो अजेय इंसान की तरह
मरण के इस रण में अमरण
आकर्ण तनी
कमान की तरह!


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