हमारा गणतंत्र (आलेख)

26 जनवरी, 1930 से 15 अगस्त, 1947 को आज़ादी प्राप्त होने तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था। चूंकि 26 जनवरी, 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया गया था। इसलिए इस दिन की महत्ता बनाए रखने के लिए 26 जनवरी, 1949 को तैयार संविधान और 26 जनवरी, 1950 को भारत सरकार के अधिनियम 1935 की जगह भारत का संविधान लागू करने के साथ लोकतांत्रिक, संप्रभु, गणतंत्र देश घोषित कर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया। तब से गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जयंती ही राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाया जाता है।
इस साल देश 73वाँ गणतंत्र दिवस मना रहा है।
गणतन्त्र का आशय है कि उस देश की सरकार का मुखिया राजा नहीं होता। दुनियाँ में 206 संप्रभु देशों में 135 देश रिपब्लिक यानी गणतंत्र शब्द व्यवहार में ला रहे हैं।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति राष्ट को संबोधित करते हैं। साथ ही संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राजपथ पर 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और परेड की सलामी लेते है। राष्ट्रीय राजधानी में परेड निकाली जाती है।जिसे देखने देश के कोने-कोने से लोग राजधानी आते हैं। राष्ट्रपति की सवारी भी बड़ी शान से निकाली जाती है और अन्य विविध, भव्य आयोजन, कार्यक्रम भी होते हैं। राजधानी दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
यही नहीं देश के बाहर अन्य देशों में भारतीय दूतावासों और भारतीयों द्वारा भी गणतंत्र दिवस को भव्य ढंग से मनाया जाता है और विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं।
गणतंत्र दिवस हर भारतवासी के लिए विशेष गर्व की अनुभूति कराने वाला होता है।


लेखन तिथि : 23 जनवरी, 2022
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