हुई दफ़्तर में बंदरबाँट (नवगीत)

अफ़सर-बाबू
में साँट-गाँठ!

योजनाएँ सब
हैं लंबित!
बदअमली
महिमा मंडित!!

उन्हें बुके है
हमको डाँट!

सबसे बड़ा
रुपैया है!
घूसखोर
खेवैया है!!

हुई दफ़्तर में
बंदरबाँट!


लेखन तिथि : 2019
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