इन वादियों में (गीत)

इन वादियों में आकर दिल मेरा बहल गया,
बहार देखकर हर तरफ़, मेरा मन मचल गया।
इन वादियों में...
रंग बिरंगे पुष्पों को चूम तितलियाँ उड़ गई,
रातभर बन्द भँवरा कुमुदिनी छोड़ उड़ गया।
इन वादियों में...
किरणें जो निकली, कुमुदिनी खिल गई
सुवास जो बिखरी चमन में, पवन उड़ा ले गया।
इन वादियों में...
मन राधा का बावरा हुआ, प्रिय की स्मृति हुई,
वो बावला निष्ठुर, बावली का मन ले गया।
इन वादियों में...


रचनाकार : कमला वेदी
लेखन तिथि : 2021
यह पृष्ठ 206 बार देखा गया है
स्रोत :
पुस्तक: मुझे वो दीप बना दो (काव्य संग्रह)
पृष्ठ संख्या: 58
प्रकाशन: समय साक्ष्य प्रकाशन
संस्करण: 2021
×

अगली रचना

एक तुम जो छेड़ दो


पिछली रचना

चलो साथियो संग संग चलो
कुछ संबंधित रचनाएँ


इनकी रचनाएँ पढ़िए

साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।

            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें