साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
इन्दौर, मध्य प्रदेश
1946 - 2009
इतना औसत समय इतनी गहरी व्यथा इतना विचलित मन ग़ाफ़िल अपने ही शोर में कोई रह-रहकर पुकार उठता जगाता ख़ौफ़नाक हसरतों को पीछे मुड़कर देखने पर कोई कहीं भी तो नहीं सधती नहीं यह भाषा इतना भरा-भरा मन इतने गुज़र गए लोग।
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