जा चुके चेहरे (कविता)

शाम किसी
आवाज़-सी
बलखाती

तस्वीरों से
जा चुके
चेहरे
उदास हो
उतरने लगते
जिस आँगन

वहाँ टूटी साँस का
तार
फफक में
हिलता


रचनाकार : अनिरुद्ध उमट
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