जब भी ये दिल उदास होता है (ग़ज़ल)

जब भी ये दिल उदास होता है,
जाने कौन आस-पास होता है।

आँखें पहचानती हैं आँखों को,
दर्द चेहरा-शनास होता है।

गो बरसती नहीं सदा आँखें,
अब्र तो बारह-मास होता है।

छाल पेड़ों की सख़्त है लेकिन,
नीचे नाख़ुन के मास होता है।

ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है,
दर्द दिल का लिबास होता है।

डस ही लेता है सब को इश्क़ कभी,
साँप मौक़ा-शनास होता है।

सिर्फ़ इतना करम किया कीजे,
आप को जितना रास होता है।


रचनाकार : गुलज़ार
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