हे! माँ जगत जननी दुर्गमा,
अब विश्व का कल्याण कर दे।
हम सभी तो शिशु तुम्हारे,
प्यार का आँचल प्रहर दे।
हे! दयामयि हे! क्षमामयि,
अब कष्ट से उद्धार कर दे।
बस हो हृदय में रूप तेरा,
ऐसे सदा उद्गार भर दे।
दुःख दर्द से हम सब बचें,
ऐ माँ तू चमत्कार कर दे।
ओ माँ जगत जननी दुर्गमा,
अब विश्व का कल्याण कर दे।
शुभ प्रेम की गंगा बहा माँ,
दुःखों का संहार कर दे।
ओ माँ जगत जननी दुर्गमा,
अब विश्व का कल्याण कर दे।

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