साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
बेगूसराय, बिहार
1983
मेरे पास न धन है, न देने को उपहार। पर दिल से मैं दे रहा, ढेर सारा प्यार। गगन तुम्हारे क़दम चूमे, ये मेरी है फ़रियाद। तेरी सफलता पर जहाँ झूमे, मुझे रखना सदा याद। तू तारों की तरह चमकेगा, यह मेरा है विश्वास। मेरी उम्र तुझे लग जाए, ईश्वर से यही फ़रियाद।
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