साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3564
कटनी, मध्य प्रदेश
1966
जीवन आपाधापी है! अलापेंगे अपनी राग! हुई व्यर्थ की दौड़ भाग!! वैभवशाली पापी है! चुप अख़बारों की सुर्खी! ख़ुशियों की होती कुर्की!! यार हुआ संतापी है!
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