जो कहौं केशव सोम सरोज सुधासुर भृंगन देह दहे हैं।
दाड़िम के फल शेफलि विद्रुप हाटक कोटिक कष्ट सहे हैं॥
कोक, कपोत, करी, अहि, केहरि, कोकिल कीर कुचील कहै हैं।
अंग अनूपम वा प्रिय के उनकी उपमा कहँ वेई रहे हैं॥
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