ख़ुद के दर्द से जाने कब से हूँ परेशाँ मैं (शेर)

ख़ुद के दर्द से जाने कब से हूँ परेशाँ मैं,
नींद से गिला क्या कि रात भर नहीं आती।


लेखन तिथि : अप्रैल, 2021
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