साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
बीकानेर, राजस्थान
1964
जिन बस्तियों को हमने दिए पक्षियों के नाम पक्षी वे लुप्त हो गए —सूखे जिस्मों-सी बस्तियाँ— लोग जाने कहाँ गए किससे पूछें संदेश लेने-देने वाले पक्षी भी न रहे
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