किसी से इश्क़ करना चाहिए था (ग़ज़ल)

किसी से इश्क़ करना चाहिए था
मुझे हद से गुज़रना चाहिए था

वो आँखों में उतर कर रह गया है
जिसे दिल में उतरना चाहिए था

मोहब्बत पा के भी तुम ख़ुश नहीं हो
तुम्हें तो डूब मरना चाहिए था

ये क्या पहली दफ़ा में भर ली हामी
ज़रा सा तो मुकरना चाहिए था

हमें तन्हाई रास आने लगी है
तुम्हारा साथ वर्ना चाहिए था


रचनाकार : विजय राही
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