अमराई में
कोयल करे
मुनादी।
महुआ, टेसू, सेमल
डरे डरे।
झरबेरी के
कोई कान भरे।
मानो पीपल
बना हुआ
है खादी।
ख़ुशियों का है
सूबा तलबगार।
हैं अनमयस्क से
दिखते चिनार।
ढूँढती अमन को
कश्मीरी वादी।

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