लाल दुलारे (गीत)

वो मेरे नयनों के तारे,
जो मेरे दो लाल दुलारे।
वो ग़ुरूर हैं अपनी माँ के,
पापा के वो राज दुलारे।

एक अगर है सूरज जैसा,
दूजा भी तो चंदा जैसा।
इतना प्यार मुझे वे करते,
नील गगन में जितने तारे।
वो मेरे नयनों के तारे,
जो मेरे दो लाल दुलारे।

रामलला सा इक का मुखड़ा,
सिर पर है गेसू घुँघराले।
एक परी है आसमान की,
जिसके नयना काले-काले।
बिन देखे मैं चैन न पाऊँ,
जरा दूर हों राज दुलारे।
वो मेरे नयनों के तारे,
जो मेरे दो लाल दुलारे।

है गुलाब सा इक मतवाला,
दूजा मानो कमल निराला।
मेरे घर की बगिया में है,
स्वयं प्रभू ने डेरा डाला।
कृष्ण सुभद्रा की सी जोड़ी,
उनके मुखड़े प्यारे-प्यारे।
वो मेरे नयनों के तारे,
जो मेरे दो लाल दुलारे।

सदा बलाएँ लेती उनकी,
उनके पथ के काँटें चुनती।
माँ हूँ ख़्याल रखूँ मैं उनका,
बन जाते वो भी रखवारे।
वो मेरे नयनों के तारे,
जो मेरे दो लाल दुलारे।

प्रभु की करूणा उनपर बरसे,
सदा दुआ यह निकले दिल से।
उनकी नज़र उतारूँ हर दिन उनकी,
मुझको लगते इतने प्यारे।
वो मेरे नयनों के तारे,
जो मेरे दो लाल दुलारे।


लेखन तिथि : 5 जुलाई, 2020
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