साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
1935
माँ बच्चे को बोलना सिखा रही है बच्चा माँ को रूठना इस बात पर कि ठीक कहने के समय बच्चा बोलने से इंकार करता है बच्चा देर तक चुप रहता है बिना यह जाने कि चुप रहने का कोई मतलब हो सकता है उसके चुप रहने का जो बोलता है ठीक उस वक़्त जब माँ रूठकर चुप हो चुकी होती है
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