माँ की महर (घनाक्षरी छंद)

माता ममतामयी मूरत मनोहर मान,
मन-मन्दिर महान मध्य में महर-महर।
मानवता मधुरता महानता महीश्वरी,
माता मन मत दुखाओ दिल दहर-दहर।
माता प्रेम पवन पुनीत पहचान प्यारे,
जीवन जहान जननी बिन ज़हर-ज़हर।
‘मारुत’ माता महिमामयी दयावती देवी,
प्रेरक पुण्यात्मा धैर्य करुणा बहर-बहर॥


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