मारा ग़म ने (गीत)

नहीं तुमने, नहीं हमने,
मारा अगर तो, मारा ग़म ने।

नैनों से कहो, ज़्यादा न बहो,
समझे हैं हम, कहो न कहो।
गिनते थे दुनिया के हम तो लाख सितम,
खोजा जो दिल में तो टूट गए सारे भ्रम।
नहीं तुमने, नहीं हमने,
मारा है अगर तो, मारा ग़म ने।

ख़ुशियाँ मिली राहों में, पर एक मिली एक छूट गई,
मैं तन्हा चलता रहा, कड़ियाँ इक-इक टूट गई।
कम पाया ज़्यादा खोकर, उम्र भी पीछे छूट गई,
ख़ुशियों की चाहत में, ख़ुशियाँ ही हमको लूट गई।
नहीं तुमने, नहीं हमने,
मारा है अगर तो, मारा ग़म ने।


रचनाकार : गोकुल कोठारी
लेखन तिथि : 29 नवम्बर, 2022
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