मैं लौटूँगी (कविता)

जैसे लौट आती हैं
ऋतुएँ

जैसे लौटती हैं
हर शाम चिड़ियाँ
घोंसले में

जैसे लौटती है
गाय
अपने बछड़े के पास
गोधूलि में

जैसे लौट आता है
बचपन
नाती-पोते के रूप में

हाँ
मैं लौट आऊँगी
एक दिन—

जैसे लौटती है
एक मीठी याद

बस तुम बचाए रखना
मेरे लौटने तक
पुनर्मिलन की इच्छा


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